हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की नायब सरकार को बड़ा झटका लगा है ।
चार निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन दे दिया,, कांग्रेस के हुए साथ ।
इसके साथ ही नायब सरकार अल्पमत में आ गई है।
फिलहाल बीजेपी के पास 43 विधायकों का साथ है, जो बहुमत से कम है ।
चंडीगढ़
हरियाणा की राजनीति में मंगलवार को बड़ा उलटफेर देखने को मिला। यहां चार निर्दलीय विधायकों ने आज कांग्रेस को अपना समर्थन दे दिया। ये सभी विधायक पहले बीजेपी के साथ थे। वहीं आज इन चारों विधायकों ने बीजेपी की प्रदेश सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया। इसके साथ ही राज्य में बीजेपी की नायब सरकार अल्पमत में आ गई है। भाजपा की सरकार से अपना समर्थन वापस लेने वालों में दादरी से विधायक सोमबीर सांगवान, नीलोखेड़ी से विधायक धर्मपाल गोंदर, पुंडरी से निर्दलीय विधायक रणधीर गोलन, और बादशाहपुर से राकेश दौलताबाद के नाम शामिल हैं।
भाजपा की सरकार से थी नाराजगी
आपको बता दें कि नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष उदय भान ने निर्दलीय विधायकों द्वारा कांग्रेस को समर्थन देने पर प्रेस वार्ता की। वहीं बादशाहपुर से विधायक राकेश दौलताबाद भी अपना समर्थन कांग्रेस को दें दिया, माना जा रहा है कि ये सभी ऐसे विधायक हैं जो मंत्रिमंडल में जगह ना मिलने की वजह से काफी दिनों से भाजपा से नाराज चल रहे थे। वहीं आखिरकार इन सभी निर्दलीय विधायकों ने आज मंगलवार को कांग्रेस पार्टी को अपना समर्थन देने का ऐलान कर दिया।
निर्दलीय विधायकों ने क्या कहा?
कांग्रेस को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायकों का कहना है कि बीजेपी सरकार की नीति जन विरोधी रही है। इसके कारण उन्होंने कांग्रेस को बाहरी समर्थन देने का फैसला किया। वह अब कांग्रेस का पूर्ण रूप से समर्थन देने का काम करेंगे। वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उदय भान ने कहा कि बीजेपी सरकार जेजेपी और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार चला रही थी, लेकिन आज बीजेपी की प्रदेश सरकार अल्पमत में है। प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू कर देना चाहिए। उन्हें अब सरकार में रहने का कोई अधिकार नहीं है। पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि चार निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन दिया है। यह जन समर्थन में फैसला लिया गया है। कांग्रेस लगातार प्रदेश में मजबूत हो रही है।
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