पुलिस महानिदेशक हरियाणा का गुरुग्राम में औचक निरीक्षण — डिजिटल अरेस्ट पीड़ित बनकर पहुँचे थाना साइबर अपराध पूर्व
गुरुग्राम,
हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (DGP) श्री ओ.पी. सिंह ने आज गुरुग्राम के थाना साइबर अपराध पूर्व का औचक निरीक्षण किया। यह निरीक्षण बेहद अनोखा और महत्वपूर्ण रहा, क्योंकि वे खुद डिजिटल अरेस्ट के पीड़ित के रूप में थाने पहुँचे। इस अभिनव तरीके का उद्देश्य था—यह जानना कि आम नागरिक को थाने में किस तरह की प्रक्रिया, सहायता और व्यवहार मिलता है, और सिस्टम वास्तव में कितना प्रभावी है।
थाने के संतरी ने नियमों के अनुसार उन्हें शोध अधिकारी से शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया समझाई। इसके बाद DGP ने थाने की कार्यप्रणाली, पीड़ित सहायता प्रणाली, रिस्पॉन्स टाइम, तकनीकी सुविधाएँ और जागरूकता से जुड़े प्रयासों की विस्तृत समीक्षा की।
साइबर अपराधों पर कार्रवाई और जागरूकता पर DGP के महत्वपूर्ण बयान
निरीक्षण के बाद मीडिया से बातचीत में श्री सिंह ने कहा कि हरियाणा पुलिस लगातार विकसित हो रहे साइबर अपराधों के तरीकों को समझते हुए नए-नए उपाय अपना रही है। उन्होंने स्पष्ट रूप से बताया कि पुलिस का फोकस तीन मुख्य बिंदुओं पर है—
1. साइबर अपराध रोकथाम
नए तरीकों से ठगी रोकने के लिए तकनीकी क्षमता बढ़ाई जा रही है, टीमों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है और आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
2. पीड़ितों को त्वरित राहत
पीड़ितों को जल्द से जल्द आर्थिक और तकनीकी सहायता पहुँचाने के लिए विशेष प्रोटोकॉल लागू किए जा रहे हैं।
3. जन-जागरूकता
सोशल मीडिया, सामुदायिक कार्यक्रमों और संस्थानों के माध्यम से बड़े स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
छोटी राशि की बैंक फ्रीजिंग—लोक अदालत से तुरंत राहत
DGP ने बताया कि जिन मामलों में छोटी रकम फ्रीज हो जाती है और पीड़ितों को राहत मिलने में समय लगता है, उन मामलों को अब पुलिस लोक अदालत के माध्यम से तेज़ी से निपटाया जाएगा। इससे लोगों को बिना देरी अपनी राशि वापस मिल सकेगी।
बैंक की लापरवाही पर बैंक ही जिम्मेदार होगा
उन्होंने कहा कि यदि किसी साइबर ठगी में बैंक की ओर से लापरवाही साबित होती है,
तो पीड़ित के नुकसान की भरपाई बैंक को करनी होगी।
यह व्यवस्था पीड़ितों के लिए मजबूत सुरक्षा कवच का काम करेगी।
स्कूल–कॉलेजों में बनेंगे ‘साइबर जागरूकता एंबेसडर’
युवाओं को साइबर सुरक्षित बनाने के लिए एक बड़े अभियान की घोषणा करते हुए DGP ने बताया—
स्कूल–कॉलेजों में विशेष हेड स्टूडेंट्स टीमें गठित की जाएँगी।
इन्हें साइबर अवेयरनेस एंबेसडर के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा।
ये छात्र अपने संस्थानों में साथियों को ठगी, फिशिंग, डिजिटल अरेस्ट, OTP धोखाधड़ी, फेक ऐप्स व लिंक से सावधान करेंगे।
जनता के नाम DGP का संदेश — “सतर्क रहें, सुरक्षित रहें”
DGP श्री ओ.पी. सिंह ने कहा—
“अधिकांश साइबर अपराध भय या लालच के आधार पर होते हैं।
अगर कोई कमाई, इनाम, धमकी या किसी भी दबाव में पैसे भेजने को कहे—
तो समझ लीजिए कि आप ठग के निशाने पर हैं।”
उन्होंने जनता से अपील की कि किसी भी संदिग्ध कॉल, लिंक, QR कोड, रिमोट ऐप, या बैंक संबंधी संदेश पर सतर्क रहें और तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें।
“हरियाणा पुलिस लगातार सख्त कार्रवाई कर रही है”
DGP ने कहा कि साइबर अपराध पर अंकुश के लिए पूरे प्रदेश में मिशन मोड में अभियान चल रहा है।
तकनीकी क्षमता बढ़ाने, जांच प्रक्रिया को मजबूत बनाने और पीड़ितों को न्याय दिलाने को प्राथमिकता दी जा रही है।
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