रफीक खान / पटौदी
महाभारत कालीन प्राचीन मंदिर गोकुलपुर में गुरु पूर्णिमा का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया गया , महंत स्वामी धीरजगिरी महाराज ने अपने आराध्य गुरु महामंडलेश्वर स्वामी ज्योति गिरी महाराज की पूजा अर्चना के साथ ही हवन यज्ञ कर मंदिर परिसर में भंडारे का भी आयोजन किया हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं और भक्तजन मंदिर परिसर पहुंचे जहां उन्होंने महंत स्वामी धीरजगिरी महाराज का आशीर्वाद लिया, मंदिर प्रांगण में जुटी श्रद्धालुओं की भीड़ को प्रवचन देते स्वामी धीरजगिरी ने कहा कि गुरु के दर्शन ही तीर्थ है, गुरु के चरण ही मोक्ष का स्थान है उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से चंद्रमा के बिना रात और सूर्य के बिना दिन प्रकाशहीन है वैसे ही गुरु के बिना इंसान का जीवन ज्ञानहीन है उन्होंने कहा कि इसलिए कहा गया है कि गुरु गोविंद दौउ खड़े काके लागू पाय बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो मिलाए, इसलिए ब्रह्मा विष्णु महेश से ऊपर गुरु को माना गया है गोकलपुर मंदिर परिसर में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर महंत स्वामी धीरजगिरी द्वारा शिष्यों को गुरु मंत्र की दीक्षा दी गई और रक्षा सूत्र बांधकर उनके उज्जवल भविष्य कामना की !